गुमला शहर के हुसैन नगर में शनिवार को एक दर्दनाक घटना घटी. महज 10 वर्षीय अतीफ मीर नहाने के दौरान तालाब में डूब गया. वह हुसैन नगर में अपने पिता मीर रेजाबुल के साथ किराये के मकान में रहता था. बताया गया कि अतीफ अपने तीन से चार दोस्तों के साथ दोपहर में नहाने के लिए निकला था. सभी बच्चे तालाब में मस्ती कर रहे थे कि अचानक अतीफ गहरे पानी की ओर चला गया और देखते ही देखते डूब गया.
साथी बच्चों ने मचाया शोर
घटना के बाद उसके साथी बच्चों ने शोर मचाया. जिसके बाद आसपास के लोगों में अफरा-तफरी मच गयी. देखते ही देखते बड़ी संख्या में लोग घटनास्थल की ओर दौड़ पड़े. पूरा हुसैन नगर जो मुस्लिम बहुल इलाका है. इस हादसे से सहम गया. स्थानीय पुलिस दल-बल के साथ मौके पर पहुंची और गोताखोरों की मदद से बच्चे की तलाश शुरू कर दी गयी. देर शाम तक खोज अभियान जारी था. लेकिन बच्चे का कोई सुराग नहीं मिल पाया था.
प्राकृतिक तालाब नहीं है जिसमें बच्चा डूबा
स्थानीय लोगों ने बताया कि जिस तालाब में बच्चा डूबा है. वह प्राकृतिक तालाब नहीं है. यह तालाब दरअसल उस जगह पर बना है. जहां पहले पत्थर तोड़ने का कार्य किया जाता था. बताया जाता है कि क्रसर संचालकों द्वारा वर्षों तक यहां पहाड़ तोड़कर जमीन के भीतर तक पत्थर निकाले गये थे. उसी के परिणामस्वरूप गहरी खाई बन गयी. जिसमें बरसात का पानी भर जाने से यह तालाब बन गया. इस गडढे में कभी मिटटी भरा या सुरक्षित नहीं किया गया. जिसके कारण इस क्षेत्र में अक्सर हादसे होते रहते हैं.
प्रशासन ने कई बार इस गड्ढे को भरने की बात कही
अतीफ मीर भी उसी लापरवाही का शिकार बन गया. स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासन ने कई बार इस गड्ढे को भरने की बात कही थी. परंतु कार्रवाई कभी नहीं हुई. आज उसी लापरवाही की कीमत एक मासूम बच्चे को अपनी जान से चुकानी पड़ी. लोगों ने प्रशासन से तुरंत इस तालाब को पाटने और आसपास सुरक्षा व्यवस्था करने की मांग की है. ताकि भविष्य में ऐसी दर्दनाक घटनाएं दोबारा न हों. फिलहाल, पुलिस व गोताखोरों की टीम बच्चे की तलाश में जुटी हुई है और पूरा इलाका अतीफ की सकुशल वापसी की दुआ कर रहा है.