Devgaon Cave : गुमला जिला अंतर्गत पालकोट प्रखंड के प्राचीन व धार्मिक धरोहर देवगांव मंडाधाम स्थित गुफा के अंदर कई रहस्य छिपे हुए हैं. इन्हीं रहस्यों में इस गुफा के अंदर एक रहस्यमयी तालाब है. गुफा के अंदर तालाब होने व तालाब तक जाने के लिए छोटी जगह होने के कारण आज तक कोई तालाब तक नहीं पहुंच पाया है. ऐसे, मंदिर के पुजारी डमरू बाबा बताते हैं. इस रहस्यमयी तालाब तक पहुंचने के लिए कई साधु संत प्रयास किये. परंतु, कोई वहां तक नहीं पहुंच पाये.
रहस्यमयी तालाब के कारण कुछ साधु संत यहां से चले गये तो कई लोगों की मौत हो गयी. खुद डमरू बाबा उक्त गुफा के अंदर स्थित तालाब के अंदर घुसने का प्रयास किये थे. परंतु, गुफा के खोह में कुछ दूर जाने के बाद उन्हें तालाब के समीप कुछ अजीब जानवर दिखा. जिस कारण वे डर से अंदर घुस नहीं सके और गुफा के खोह से वापस आ गये. तालाब तक जाने के लिए खोह में कोई भी एक ही व्यक्ति घुस सकता है. उसे भी घसीटते हुए अंदर जाना होगा. हालांकि, गुफा के अंदर तालाब है या नहीं. यह कही-सुनी बात है.
इसका कोई प्रमाण नहीं है. परंतु, देवगांव के पुजारी डमरू बाबा की माने तो गुफा के अंदर तालाब है. इसे गुफा के खोह में कुछ दूर जाने के बाद तालाब को देखा जा सकता है. तालाब का कुछ हिस्सा दिखता है. डमरू बाबा के अनुसार तालाब के पास एक नाग सांप भी दिखता है जो नागमाता के रूप में है. इसलिए आजतक कोई साधु संत यहां टिक नहीं पाये. उन्होंने बताया कि देवगांव गुफा में रामायण युग के कई प्रमाण है. यहां देवी देवताओं के कई स्रोत है. मां भगवती भी यहां बिराजमान है. रामायण काल के मंदिर है. गुफा के अंदर सांपों के रहने के लिए मिटटी का टीला भी है. जहां नाग सांप रहते हैं. ऐसे, अगर देवगांव के इस गुफा का अनुसंधान हो तो यहां से कई रहस्यों पर से परदा उठेगा. हालांकि, देवगांव कई राज्यों के भक्तों के लिए श्रद्धा का केंद्र है.
विशाल चट्टान के बीच गुफा है
गुमला से 40 किमी दूर पालकोट प्रखंड के तपकरा पंचायत स्थित देवगांव गुफा जिसे मंडा धाम कहा जाता है. यहां घने जंगल के बीच स्थित पहाड़ों के अंदर है. विशाल चट्टान के बीच गुफा है. जहां देवी देवताओं की प्रतिमा व प्राचीन धरोहर है. मंदिर के पुजारी डमरू बाबा ने बताया कि गुफा के अंदर जो तालाब है. इसका अनुसंधान हो तो इसका पता चलेगा.
देवगांव धाम गुफा को अघरमा यानि कोलेबिरा रांची रोड से जोड़ने से इसका विकास होगा. देवगांव में पानी की भारी किल्लत है. गुमला के पूर्व उपायुक्त श्रवण साय यहां के विकास की पहल किये थे. परंतु, गुमला से उनके जाने के बाद दोबारा इस क्षेत्र के विकास की पहल नहीं हुई. अगर यहां सोलर जलमीनार की स्थापना हो जाये तो यहां पानी संकट दूर हो जायेगा.
भुनेश्वर राम, देवगांव