उपायुक्त प्रेरणा दीक्षित की पहल पर गुमला जिले में आरंभ किया गया “विशेष अंचल दिवस” अभियान प्रशासनिक पारदर्शिता और जनसुविधा की दिशा में एक उल्लेखनीय पहल साबित हुआ है. तीन महीने तक चले इस अभियान का पहला चरण 11 अक्तूबर 2025 को सफलतापूर्वक संपन्न हुआ. इस दौरान जिले के सभी 12 प्रखंडों में आयोजित विशेष अंचल दिवस के माध्यम से 933 आवेदन प्राप्त हुए. जिनमें से 746 आवेदनों का ऑन द स्पॉट निस्तारण किया गया तथा 187 आवेदन प्रक्रियाधीन हैं. कोई भी आवेदन लंबित नहीं है.
उपायुक्त प्रेरणा दीक्षित ने बताया कि जनशिकायत निवारण दिवस के दौरान अधिकतर नागरिक अंचल संबंधी समस्याओं के समाधान हेतु उनसे मिलने आते थे. इसी अनुभव के आधार पर उन्होंने अंचल दिवस आयोजित करने का निर्णय लिया. ताकि नागरिकों को अपनी समस्या लेकर जिला मुख्यालय तक आने की आवश्यकता न पड़े और प्रशासन स्वयं उनके क्षेत्र में पहुंचकर समाधान सुनिश्चित करे.
उन्होंने कहा कि अंचल दिवस से एक ओर जहां नागरिकों की समस्याओं का त्वरित निपटारा संभव हुआ. वहीं दूसरी ओर ऐसे कई प्रकरणों का समाधान भी हो सका. जिनमें एकाधिक अधिकारियों की संयुक्त निर्णय प्रक्रिया आवश्यक होती है. इसी उद्देश्य से प्रत्येक अंचल दिवस में अनुमंडल पदाधिकारी, अपर समाहर्ता, अंचल अधिकारी तथा भूमि सुधार उपसमाहर्ता जैसे वरीय अधिकारियों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की गयी. उपायुक्त ने कहा कि मैंने स्वयं अंचल दिवस के दौरान नागरिकों की समस्याएं सुनीं और मौके पर ही त्वरित समाधान कराया. इस पहल का मुख्य उद्देश्य यही था कि लोगों की समस्याएं जल्द से जल्द हल हों और उन्हें जिला कार्यालय के चक्कर न लगाने पड़ें. अंचल दिवस के माध्यम से नागरिकों में न केवल अपनी समस्याओं के समाधान के प्रति विश्वास बढ़ा है. बल्कि अब वे विभिन्न सरकारी योजनाओं, प्रमाण पत्रों की प्रक्रिया और आवश्यक दस्तावेजों के बारे में अधिक जागरूक एवं सक्षम हुए हैं.
एक दिन में समस्या दूर हुई : साही
भरनो प्रखंड के प्रतिपावन साही ने बताया कि उनकी खतियानी भूमि विवाद से जुड़ी वर्षों पुरानी समस्या भरनो में आयोजित हुए अंचल दिवस में ही सुलझ गयी. उन्होंने कहा मैंने सोचा नहीं था कि मेरी समस्या इतनी जल्दी सुलझ जायेगी. वर्षों की परेशानी एक दिन में खत्म हो गयी. उन्होंने जिला प्रशासन एवं उपायुक्त के प्रति आभार व्यक्त किया, कहा कि यह मेरे जीवन का सबसे ज्यादा खुशहाल समय है.
प्रशासन ने समस्या दूर की : सुमित्रा
चैनपुर प्रखंड की सुमित्रा देवी ने कहा कि उनका पारिवारिक सदस्यता प्रमाण पत्र महीनों से लंबित था. जानकारी के अभाव के कारण इस कार्य में उन्हें बेहद समय लग रहा था. परंतु अंचल दिवस में अधिकारी स्वयं मौके पर उपस्थित हुए और उसी दिन कार्य पूरा कर दिया गया. उन्होंने कहा अधिकारी खुद प्रखंड में आकर काम कर रहे हैं. योजनाओं की जानकारी दे रहे हैं. यह बदलाव हमारे लिए बहुत बड़ा है.
अंचल दिवस ने हमारी सोच बदली : नूराम
रायडीह प्रखंड की परमिला नूराम ने बताया कि वह वर्षों से जाति प्रमाण पत्र बनवाने के लिए प्रयासरत थीं. परंतु दस्तावेज संबंधी जानकारी के अभाव में कार्य पूरा नहीं हो पा रहा था. अंचल दिवस के दौरान अधिकारियों की सहायता से उसी दिन उनका प्रमाण पत्र तैयार कर दिया गया. उन्होंने कहा कि अंचल दिवस ने हमारी सोच बदल दी है. चैनपुर के कमाल कुजूर ने कहा कि उनका दशकों पुराना भूमि विवाद अंचल दिवस में सुलझ गया.
आदिम जनजाति की समस्या दूर हुई
पालकोट प्रखंड के जलडेगा स्थित बिरहोर कॉलोनी की पीवीटीजी समुदाय की निवासी मगदली बिरहोर ने बताया कि उनके दादा-परदादा के समय से चला आ रहा भूमि विवाद कई वर्षों से लंबित था. पालकोट में आयोजित अंचल दिवस के दौरान जिले एवं अंचल प्रशासन की टीम ने उनकी समस्या को गंभीरता से सुना और सभी आवश्यक दस्तावेज़ी प्रक्रिया पूर्ण करते हुए उसी दिन मामले का निष्पादन कर दिया.
अंचलवार विवरण एक नजर में
अंचलवार प्राप्त आवेदनों में गुमला अंचल में 116 आवेदन प्राप्त हुए और सभी का निस्तारण किया गया. डुमरी अंचल में 21 आवेदन मिले. जिनमें से 10 का निस्तारण हुआ और 11 प्रक्रियाधीन हैं. चैनपुर में 71 में 63 का निस्तारण और 8 प्रक्रियाधीन हैं. घाघरा अंचल में 50 में 48 का निस्तारण और 2 प्रक्रियाधीन हैं. रायडीह अंचल में 18 में 9 का निस्तारण और 9 प्रक्रियाधीन हैं. भरनो अंचल में 119 में 81 का निस्तारण और 38 प्रक्रियाधीन हैं. बसिया अंचल में 150 में 119 का निस्तारण और 31 प्रक्रियाधीन हैं. जारी अंचल में 24 में 15 का निस्तारण और 9 प्रक्रियाधीन हैं. कामडारा अंचल में 81 में 64 का निस्तारण और 17 प्रक्रियाधीन हैं. पालकोट अंचल में 56 में 40 का निस्तारण और 16 प्रक्रियाधीन हैं. सिसई अंचल में 124 आवेदन में 94 का निस्तारण और 30 प्रक्रियाधीन हैं. बिशुनपुर अंचल में 105 में 85 का निस्तारण और 20 प्रक्रियाधीन हैं. इस प्रकार जिले में प्राप्त 933 आवेदनों में से 746 का निस्तारण हो चुका है और 187 प्रक्रियाधीन हैं.
दीपावली के बाद फिर लौटेगा ‘अंचल दिवस’
उपायुक्त प्रेरणा दीक्षित ने बताया कि अंचल दिवस के प्रथम चरण की सफलता के बाद अब इसका दूसरा चरण दीपावली के पश्चात प्रारंभ किया जायेगा. नई तिथियों के अनुसार हर शनिवार को जिले के सभी प्रखंडों में अंचल दिवस का आयोजन पुनः किया जायेगा. ताकि प्रत्येक नागरिक अपनी समस्या लेकर बिना किसी झंझट के प्रशासन तक पहुंच सके.