Jhollywood : झॉलीवुड में फैलती अश्लीलता पर एक्टर रमन गुप्ता ने सटीक बात कही है. गुप्ता ने कहा कि नागपुरी संगीत में अश्लीलता फैलाने के लिए सिर्फ गाने बनाने वाले ही दोषी नहीं हैं. जो लोग ऐसे गाने सुनते और उन्हें लोकप्रिय बनाते हैं, वे भी उतने ही जिम्मेदार हैं. इसलिए इसे रोकने में सभी की जिम्मेदारी है. उन्होंने ने कहा कि आज का समय व्यूज, लाइक्स और कमेंट का है. सोशल मीडिया और यूट्यूब पर सभी व्यूज पाने की कोशिश में रहते हैं. अच्छे गानों को उतने व्यूज नहीं मिलते, लेकिन बोल्ड या अश्लील गाने अधिक व्यूज बटोरते हैं. इसलिए ऐसे गाने सुनने वाले भी जिम्मेदार माने जाते हैं.
रमन गुप्ता ने कहा कि 90 के दशक में झॉलीवुड के गानों में कुछ खास बात थी, जिसने उन्हें प्रेरित किया. इसी वजह से उन्होंने 1998 में अपनी पहली पंचपरगनिया फिल्म ‘मन कर भूत’ बनाई. इसके बाद 2001–2002 में ‘मोर अठरा साल’ आई, जिसे लोग आज भी पसंद करते हैं. अब तक उन्होंने लगभग 6000 अलबम में काम किया है. उनका मानना है कि बिना अश्लीलता के भी अच्छे और लोगों को पसंद आने वाले काम किए जा सकते हैं.
अच्छे संगीत को बढ़ावा देना चाहिए
रमन गुप्ता ने कहा कि हम सभी कलाकार एक ही परिवार जैसे हैं, लेकिन कुछ लोग जल्दी फेमस होने और व्यूज पाने के लिए फूहड़ गाने बनाते और गाते हैं. ऐसे गानों में अक्सर उन कलाकारों को लिया जाता है जिन्हें शॉर्ट ड्रेस पहनने में कोई परहेज नहीं होता. उन्होंने बताया कि झारखंडी संगीत में अश्लीलता को रोकने की कोशिश की, इसके लिए अभियान चलाया. उनका उद्देश्य झारखंडी संगीत में ऐसे गानों पर नियंत्रण लाना और अच्छे संगीत को बढ़ावा देना है.
फूहड़ गानों की लोकप्रियता बहुत कम समय की
रमन गुप्ता ने कहा कि फूहड़ गानों की लोकप्रियता बहुत कम समय की होती है. ये थोड़ी देर के लिए अच्छे लग सकते हैं, लेकिन लंबे समय तक लोगों के दिल में जगह नहीं बना पाते और याद नहीं रहते. गाना “मोर अठरा साल होय गेलक रे…मोर शादी कराय दे” साल 2001 में आया था. आज भी लोग इसे यूट्यूब पर सर्च करके सुनते हैं, यानी लगभग 24 साल बाद भी यह गाना लोगों के दिल और यादों में जीवित है. इस गाने में एक्टिंग रमन गुप्ता ने की थी.